अब खुद ही पूरी सल्तनत लुटाने को तैयार बैठी थी।अब तो मेरा भी हाथ उनके सख्त मूसल से लिंग को सहलाने लगा था, साथ ही मेरे जिस्म का हर अंग उनके चुम्बन से सराबोर हो रहा था। मेरी योनि तो कब से उसके लिंग के लिए मरी जा रही थी और अब अपनी सल्तनत लुटाने का वक्त भी आ ही गया। ये कहानी आप हमारी वासना डॉट नेट पर पढ़ रहे है.राज मेरे पैरों की तरफ घुटनों के बल बैठ गए और उन्होंने मेरे दोनों पैरों को फैला कर मेरी योनि को बड़े प्यार से सहलाया.. xxx hindi उस वक्त मैं नजरें झुकाए बैठी थी, मैंने पलकों को थोड़ा उठाया और मुस्कुरा कर कहा- अब आगे से आप हमें कभी इंतजार ना करवाइएगा..
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Localsex1 / Localsex11