थोड़ी देर मेरे होंटो को चूसने के बाद वो मुझ से अलग हुए…प्रभाकर: जान अब तुम्हें रात को आने के कोई ज़रूरत नही है… तुमने मेरे लंड को अपनी चूत का पानी पिला कर आज के लिए इसकी प्यास बुझा दी है… अच्छा चलो जाकर गेट खोलो मुझे बाहर जाना है…मेने बाहर आकर गेट खोला… जेठ जी बाहर निकल गये… और मे अपने रूम मे आ गयी… और चारपाई पर आकर लेट गयी… मे आज पूरी तरह संतुष्ट थी… आज मेरी बरसों के प्यास बुझ गयी थी…अपने दोस्तों के साथ शेयर करे- उन्होने मुझे उठाया, और मेरी ओर देखते हुए बोले… बेटा तुम्हारी दीदी हमे छोड़ कर इस दुनिया से चली गयी… मेरे पैरो के तले से ज़मीन खिसक गयी, और मे फूट -2 कर रोने लगी…दीदी को
देसी बैंक अफसर ने खूबसूरत भाभी को चोदा! असली सेक्स
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