मैंने गरजकर कहा।वो रोना बन्द कर दी। मैं उसके गाढ़ी लिपस्टिक लगी होंठ चूसने लगा। क्या गोरा गोरा मुख था। मैं उसके नमकीन आशुओं को पीने लगा। क्या बोलती आँखे थी, मस्त सामान था। मैं अपनी औरत मान के उसके होंठ पीने लगा। फिर नीचे बढ़ा, छतियों को पीने लगा। उसकी काली काली उठी हुई निप्पल्स को मैंने छेड़ते हुए कई बार अपने दाँत गड़ा के काट लिया।सर्द में मर्द से उसे दर्द मिला। वो चिहुँक गयी। मैं गोल गोल मुँह चलाकर उसकी दुधभरी छतियों को गोल गोल मुँह चलाते हुए पीने लगा। वो शान्त हो गयी। मुझे लगा की उसके मर्द से अच्छी मैं उसकी छातियां पी रहा हूँ। मैंने पहली छाती खूब देर पी। फिर दूसरी छाती मुँह में लगा ली और दांत गड़ा गड़ाकर गोल
भाभी के भारी मुम्मे दिखा रही है
Related videos



















