कभी वो लन्ड को चाटती कभी चूसती। अब अक्षत से रहा नहीं गया। उसने रागिनी का सिर पकड़ा.अक्षत- मामी चुसो मेरा लंड, जोर से चूस।उसकी आवाज सुनकर मानो रागिनी को होश आया। मगर वो फिर भी लन्ड चूसती रही। वो अक्षत की ओर नहीं देख रही थी। उसकी चूत उतेजना में पूरी गीली हो चुकी थी। वो सोच रही थी, अभी लन्ड चूत में गया भी नहीं और ये हाल है जब अंदर जाएगा तो क्या होगा। वो ये सोच हो रही थी कि उसे मुँह के अंदर गर्म माल महसूस हुआ।अक्षत – आह मामी मज़ा आ रहा मैं आपके मुँह में झड़ गया।रागिनी प्यासी औरत की तरह उसका सारा माल गटक गई और उसका लंड चाट चाट कर साफ कर दिया। रागिनी नहीं चाहती थी कि अक्षत