मेरी बात सुनकर वो थोडा उदास सी हो गयी और बोली, अब तो अखिलेश जी शायद ही जा पाऊ। क्यूकि न उनकी डिमांड पूरी होगी न मैं जा सकूँगी.मैं – कैसी डिमांड अंकिता?वो – आपको नही पता क्या?मुझे चाहे सब पता था लेकिन फिर भी मैं उसके मुंह से सुनना चाहता था।उसने बताया के जब तक मैं पेट से न होउंगी, तब तक तो नही जा सकती। अब आप ही बताइये ये कैसे सम्भव है? xxxhindi क्या पता आप बुरा ही न मान जाओ।वो – नही नही आपका बुरा क्यों मानना। आप बोलो जो दिल में है।मैं – या फिर किसी जान पहचान वाले से गर्भ ठहरालो।मेरी बात सुनकर उसको एक दम झटका सा लगा। मैंने एक बार फिर सॉरी बोला। मेरा ये कहने का मकसद तुमसे फ्लर्ट करना
सौतेली बेटियाँ माँ को देखकर सीखती हैं चुदाई के गुर
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