इसलिए मैंने बिना कुछ छुपाए आपको अपनी सारी कहानी बताई।”“जरूर ! ल….आप समझ रहे हैं न?मैं- अरे बताओ आप ! hindi xxx मैं बना कर आपके कमरे में लाती हूँ।मैं ‘ठीक है।’ कहते हुए चला गया।मैं कमरे में पहुँच कर फ्रेश होकर लेटा ही था कि सविता भोजन लेकर आ गई और जब तक मैं खाता रहा तब तक वहीं बैठी रही। मेरे खा लेने के बाद वही बात करना शुरू की, कहने लगी- मेरी कहानी ने आपको पकाया तो नहीं?“नहीं नहीं ! एक बार तो आपका लण्ड बुर पर लगा नाराज ही हो गया है और फाड़ कर रख दिया पर मेरी बुर भी कम नहीं, आखिर आपके लण्ड को पटा ही लिया।”मैंने कहा- अरे इतनी प्यारी और सुन्दर बुर से कौन पागल लण्ड दोस्ती नहीं करना चाहेगा?