ये कहानी आप हमारी वासना डॉट नेट पर पढ़ रहे है.दीदी – क्यों शरमाते हो अब मेरी भी उमर 45 पार कर चुकी है इतना देख के ही समझ सकती हूँ वेसे मुझे भी पीने के बाद तुम्हारे जीजू की याद आने लगती है.मे – दीदी किसी को पता नही चलेगा अगर हम इस बंद कमरे मे कुछ करे तो तुम्हे भी मर्द की कमी महसूस हो रही है और मुझे भी औरत की और इस समय हम केवल मर्द और औरत है कोई भाई बहन नही.दीदी मुस्कुराई और बोली चलो अब खाना खा लो मैने उनसे आँख मार के कहा पहले जिस चीज़ की भूख लगी है वो ही खा लेते है दीदी ने कहा जो मैने स्वीट्स बनाई है वो ही खा लो मैने उनसे कहा
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