मेरे खुले मुख को देख कर ससुरजी मुस्करा पड़े और उन्होंने बड़े ही आराम से अपने लिंग को उसके अंदर धकेल दिया तथा आहिस्ता आहिस्ता धक्के देकर अंदर बाहर करने लगे।मुख-मैथुन की क्रिया करते हुए लगभग पांच मिनट ही हुए थे जब मुझे उनके लिंग में से नमकीन पूर्व-रस निकलने का स्वाद आया तब मैंने उन्हें रुकने का संकेत दिया और अपनी दोनों टांगें चौड़ी कर दी। मेरा संकेत समझ कर वे तुरंत मेरी टांगों के बीच में बैठ गए और मेरी गीली योनि को चूसने एवं चाटने लगे।कभी वे मेरी योनि के होंटों को अपने मुहं में ले कर चूसते, तो कभी वे मेरे भगनासा को अपने होंटों एवं जीभ से मसलते और कभी अपनी जीभ के योनि के अन्दर डाल कर मेरे जी स्पॉट को भी
भारतीय आंटी को अपने गांड के छेद को भरवाना बहुत पसंद है – कमेंट करो
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