हम दोनों एक ही क्लिनिक में एक साथ बैठते हैं। मैं किरन को दिलो-जान से चाहता था और उसकी मस्त जवानी का रस जो उसकी चुदास चूत में था पीना चाहता था मगर डर के मारे कभी हिम्मत नहीं हुई कि उसके मदमस्त शरीर को छू सकूँ। Kahani Sex Doctorडरता था कि कहीं बुरा मान गई तो क्लिनिक भी हाथ से चला जाएगा और उसकी नज़र में जो मेरी इज़्ज़त है वो भी ख़त्म हो जाएगी। पर मेरा मन तो हमेशा उसे चोदने का करता था, भला इतनी मस्त माल किसी के पास हो और उसका मन ना करे ये तो हो ही नहीं सकता ना !जब भी मैं उसे गौर से देखता, मेरा 7 इंच का लंड तुरंत ही खड़ा हो जाता। मैं अकेले में हमेशा उसको
भाभी के साथ नए साल की रात में साझा बिस्तर पर जोशीला सेक्स
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