मैं उसकी चूचियाँ मसलने लगी तो मैंने उसके गीले लाल होंठ चूम लिये। आकृति मेरी चूचियाँ चूसने लगी!और मेरे मुँह से आवाजें निकलने लगी- अह आअह आकृति! xxxhindi आह उर्मिला!उठो न प्लीज अब!हम दोनों उठे तो फिर से मुझे लिपटा कर मेरे होंठ चूसने लगी और मेरे कुरते की ज़िप खोली और मेरी ब्रा का हुक खोल दिया और मेरे मुँह में सिसकी- उतारो न उर्मिला प्लीज!और मेरे हाथ ऊपर करके मेरा कुरता अलग कर दिया।आअह आकृति! ना..आ.. क्या बताऊँ! कब से सोच रही थी मैं! मैं जल रही हूँ! मेरी तो जैसे जान निकल गई थी जब उनकी गर्म-गर्म ज़बान मेरे मुँह में आई! प्लीज मत करो! सिर्फ़ चुम्मा लिया था उसने!
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