कितनी देर से खड़ी हूँ, उसने अन्दर आते हुवे कहा,मैनें दरवाजा फिर लोक कर दिया.मैं नहा कर कपडे बदल रही थी… इसलिए देर हो गई… मैनें साड़ी के पल्लू को कंधे पर डाल कर कहा.तभी मैं कहूँ… की इतनी सुहानी खुश्बू कहाँ से आ रही है… अब पता चला भाभी के गिले बाल खुले हुवे हैं, वैसे… ये बात तो पक्की है न भाभी… की भईया इस समय यहाँ नहीं हैं… मेरी ननद सोफे पर पसर कर बोली,हाँ.. xxxhindi मैनें अपने भाई को उसका हांथ पकड़ कर अपने सिरहाने बैठा लिया और उसकी टांगें फैला कर उसकी मजबूत जांघ पर अपना सर टिका कर उसके तने हुवे लिंग की उपरी त्वचा लिंग मुंड से हटा कर उसे अपने मुंह में ले लिया, मैं उसे चूसने लगी.वह मचल उठा, उसके
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