मैं बंदरिया लगती हूँ। शायद तभी मेरे शरीर को इतनी देर से घूर रहे हो जैसे नज़रों से ही घोल के पी जाओगे”.इसी तरह नोक झोंक करते हम स्टेशन के बाहर आ गए। मामी थोडा धीरे चल रहीं थी सो बाहर आकर मैंने कुली को पैसे दिए और मामी का इंतजार करने लगे। मामी के आते ही मैंने उनसे कहा,”आप दोनों के लिए मैं ऑटो किये दे रहा हूँ क्योंकि मेरे पास बाइक है”.” नहीं मैं तो आपके साथ ही बाइक से चलूंगी ” सायरा बच्चों सी जिद करती बोली.” ऐसा करते है मुन्ना ! मैं आता हूँ.”बात करने के बाद फोन काट दिया। फिर सारी बात दीदी और रज़िया को बताते हुए बोला, “दीदी ! xxx hindi कैसे पहचानूं ? करने लगी.मैंने दनादन 4-5 धक्के कस कर लगा दिए।
तमिल लड़की स्नेहा की ज्वालामुखी देह
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