नहीं मानेगा… कमल बोला.नहीं कोई और जगह देखो… दीदी ने कहा.कमल: वैसे वो मेरा विश्वास का दोस्त है…दीदी: नहीं…कमल: मान जा इससे तुझे क्या फर्क पड़ता है…दीदी: अच्छा मैं कोई रंडी हूं क्या…कमल: अरे यार एक और दो में क्या फर्क है… चल आज ही चलते हैं… तेरी चूत की खुजली मिट जायेगी और आगे के लिये भी जगह बन जायेगी…।दीदी: नहीं…वैसे भी वो कौन सी कोई सती सावित्री थी। दो से तो पहले ही चुदवा चुकी थी और तीसरे का लंड अभी अभी लिया है फिर भी बोली नहीं मुझे तो घर छोड़ दो…हालांकि उसकी आवाज में विरोध कम और सहमति ज्यादा थी। कमल ने उसे समझाया और फिर पवन को फोन कर दिया। दीदी विरोध तो कर रही थी पर उसके विरोध में ज्यादा दम नहीं
तमिल लड़की के स्तनों को चूसते हुए और दबाते हुए सेक्स
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