तुम अन्दर कैसे आये?”मुझे एकदम से तो गुस्सा आया पर साथ ही मन में एक डर भी समा गया। “कुछ नहीं मैडम, बस आपको नहाते हुए सामने से देखना चाहता था।” “दिमाग ख़राब हो गया है क्या? xxxhindi बाहर जाओ फ़ौरन…जाओ।” मैं एकदम से ऐसे घबरा सी गई थी कि खुद को समेटने के लिए घुटनों के बल बैठ गई थी, अपना सीना हाथों से छुपाये थी और टांगें चिपका ली थीं कि चूत न दिखे।“कोई बात नहीं मैडम, मैं किसी को बताऊँगा थोड़े ही, आप नहाओ न।” वो मेरे पास आ कर बैठ गया और मेरे कंधे पकड़ लिए। “मैं साहब को बता दूँगी, जाओ यहाँ से।” बेबसी से मेरी आँखों में आँसू आ गए। पर वह नहीं गया और मेरे अपने वक्षों को ढके हाथ हटाने के
मीठी बंगाली भाभी को बहलाकर ज़ोरदार चोदा
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