कमला बोली.कमला मेरी जान, तो भंगन तो है, पर जवान है पाण्डेय जी बोले.कमला ने अपने हाथ पर कल्लू गुदवा रखा था। उसके मर्द का नाम। पाण्डेय जी के हाथ कमला भंगन की छातियों पर चले गए। वो उसे पाना चाहते थे।नही साहब, ये गलत है। मेरा मर्द कल्लू जान पायेगा तो आसमान ही फट पढ़ेगा कमला बोली.किसी को पता नही चलेगा कमला। तेरा 6 महीने का जो वेतन फसा है मैं उसे पास करवा दूंगा पाण्डेय जी ने लोलीपोप दिया।कमला का मर्द कल्लू साला ऐडा था। साला हमेशा पीकर पड़ा रहता था। कमला को पैसो को बड़ी जरूरत थी। वो मान गयी। पाण्डेय जी कमला की छातियों को मींजने लगे। पण्डित होने के नाते वो किसी भंगी के पास भी नहीं जाते थे, ना तो उसे छूटे