अनुभवी महिला की रसीली चुदाई और गर्म वीर्य का आनंद

नेहा ने जैसा कहा था बिल्कुल वैसा ही है तेरा लौड़ा अजरेश? xxx hindi कुछ तो शर्म करो?”“इसमें शर्म की क्या जरूरत है मेरे दोस्त? उसकी बुर में पेल चुके हो अपना लौड़ा?मैं बोला- “हाँ भाभी, अपने ठीक कहा, मैंने पहले तो कविता को चोदा और फिर उसी दिन यह प्रोग्राम मैंने और कविता भाभी ने ही बैठकर बनाया। आज मुझे ख़ुशी इस बात की है यह प्रोग्राम पिछले एक साल से बहुत बढ़िया चल रहा है। लोग इसका मज़ा ले रहे हैं…” ऐसा कहकर मैंने लण्ड तृप्ति की बुर में पेल दिया और चोदने लगा। वह धर्मेश का लौड़ा पीते हुए चुदाने लगी। ये कहानी आप हमारी वासना डॉट नेट पर पढ़ रहे है.तृप्ति चुदवाते हुए बोली- आज तो तेरी बीवी किस-किससे चुदवाकर आएगी?मैंने कहा- वैसे तो बताया नहीं

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